30 ) किसानो को उपज का उचित न्यूनतम मूल्य दिलवाने के लिए कानूनी ड्राफ्ट

किसानो को उपज का उचित न्यूनतम मूल्य दिलवाने के लिए कानूनी ड्राफ्ट

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प्रधानमंत्री इस क़ानून को संसद से साधारण बहुमत द्वारा पारित करके गेजेट में छाप सकते है। मुख्यमंत्री भी विधानसभा से पारित करके यह क़ानून अपने राज्य में लागू कर सकते है।

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#RrpMinBuyingPrice , #RrpMbp , #Rrp30

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यदि आप इस क़ानून का समर्थन करते है तो प्रधानमंत्री को एक पोस्टकार्ड भेजे। पोस्टकार्ड में यह लिखे : “प्रधानमंत्री जी, कृपया न्यूनतम खरीद मूल्य का क़ानून गेजेट में छापें #RrpMbp

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----ड्राफ्ट का प्रारम्भ----

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(01) यदि आप भारत के मतदाता है और कृषि भूमि के स्वामी है तो इस क़ानून के गेजेट में आने के बाद आपको एक वोट वापसी पासबुक मिलेगी। तब आप कृषि उपज का न्यूनतम खरीद मूल्य (MBP = Minimum Buying Price) निर्धारित करने वाली किसान एकता कमेटी के अध्यक्ष एवं सदस्यों के लिए अपनी स्वीकृति दर्ज करवा सकेंगे।

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(02) राज्य राजस्व सचिव कृषि भूमि का स्वामित्व रखने वाले किसान मतदाताओ की एक अलग सूची तैयार करेंगे, ताकि प्रत्येक किसान की स्वीकृति का भार निर्धारित किया जा सके। कृषि भूमि के स्वामित्व एवं स्वीकृति के भार का अनुपात निम्नानुसार होगा :

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(a) 0.5 एकड़ से 01 एकड़ : 1 स्वीकृति

(b) 02 – 05 एकड़ : 2 स्वीकृति

(c) 05 – 10 एकड़ : 3 स्वीकृति

(d) 10 – 20 एकड़ : 4 स्वीकृति

(e) 20 – 30 एकड़ : 5 स्वीकृति

(f) 30 – 40 एकड़ : 6 स्वीकृति

(g) 40 – 50 एकड़ : 7 स्वीकृति

(h) 50 – 60 एकड़ : 8 स्वीकृति

(i) 60 – 70 एकड़ : 9 स्वीकृति

(j) 70 - अधिक : 10 स्वीकृति

(k) 0.5 एकड़ से कम भूमि होने पर शून्य स्वीकृति

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(03) कृषि उपज का मूल्य निर्धारित करने वाली कमेटियों का गठन :

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(3.1) जिला किसान एकता कमेटी : प्रत्येक जिला किसान एकता कमेटी में 5 सदस्य होंगे, जो कि जिले के किसान मतदाताओ द्वारा सीधे अनुमोदित किये जायेंगे।

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(3.2) राज्य किसान एकता कमेटी : प्रत्येक राज्य में एक 5 सदस्यीय राज्य किसान एकता कमेटी होगी, जिसके सदस्य राज्य के किसान मतदाताओं द्वारा सीधे अनुमोदित होंगे।

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(3.3) केन्द्रीय स्तर पर एक राष्ट्रीय किसान एकता कमेटी होगी जिसमें 5 सदस्य होंगे और वे देश के किसान मतदाताओं द्वारा सीधे अनुमोदित किये जायेंगे।

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(04) किसान एकता कमेटी का सदस्य बनने के लिए आवेदन :

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निचे दी गयी अर्हताएं पूरी करने वाला कोई भी किसान मतदाता यदि किसान एकता कमेटी का सदस्य बनना चाहता है, तो वह कलेक्टर कार्यालय में इस आशय का एक ऐफिडेविट प्रस्तुत कर सकता है :

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(4.1) यदि वह किसी भी सरकारी या अर्ध सरकारी संस्थान में किसी पद पर न हो

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(4.2) यदि वह आवेदन करते समय विधायक या सांसद न हो

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(4.3) यदि उसने 25 वर्ष की आयु पूरी कर ली हो

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कलेक्टर विधायक के चुनाव में जमा की जाने वाली राशि के बराबर शुल्क‍ लेकर अर्हित पद के लिए उसका आवेदन स्वीकार कर लेगा, तथा शपथपत्र को जिला पंचायत / मुख्यमंत्री / पीएम की वेबसाईट पर स्कैन करके सार्वजनिक रूप से रखेगा। यह जमानत राशि लौटाई नहीं जायेगी।

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(05) किसान मतदाता द्वारा प्रत्याशियों को स्वीकृत करने की प्रक्रिया :

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(5.1) कोई भी किसान मतदाता किसी भी दिन अपनी वोट वापसी पासबुक के साथ पटवारी कार्यालय में जाकर किसान एकता कमेटी के किसी भी सदस्य प्रत्याशी के समर्थन में अपनी स्वीकृति दर्ज करवा सकेगा।

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(5.2) पटवारी अपने कम्प्यूटर एवं वोट वापसी पासबुक में किसान मतदाता की स्वीकृति दर्ज करके रसीद देगा।

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(5.3) पटवारी मतदाताओं की स्वीकृति को प्रत्याशीयों के नाम एवं किसान मतदाता की पहचान-पत्र संख्या के साथ जिला पंचायत / मुख्यमंत्री / प्रधानमंत्री की वेबसाईट पर भी रखेगा।

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(5.4) किसान मतदाता किसी पद के प्रत्याशीयों में से अपनी पसंद के अधिकतम 10 व्यक्तियों को स्वीकृत कर सकता है।

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(5.5) स्वीकृति दर्ज करने के लिए किसान मतदाता 3 रूपये फ़ीस देगा। BPL कार्ड धारक के लिए फ़ीस 1 रुपया होगी

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(5.6) यदि कोई किसान मतदाता अपनी स्वीकृती रद्द करवाने आता है तो पटवारी एक या अधिक नामों को बिना कोई फ़ीस लिए रद्द कर देगा।

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(5.7) प्रत्येक महीने की 5 तारीख को, कलेक्टर पिछले महीने के अंतिम दिन तक प्राप्त प्रत्येक प्रत्याशियों को मिली स्वीकृतियों की गिनती प्रकाशित करेगा।

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(5.😎 पटवारी अपने क्षेत्र की स्वीकृतियो का यह प्रदर्शन प्रत्येक सोमवार को करेगा।

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[ टिपण्णी : कलेक्टर ऐसा सिस्टम बना सकते है कि मतदाता अपनी स्वीकृति SMS, ATM एवं मोबाईल एप द्वारा दर्ज करवा सके।

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रेंज वोटिंग - प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री ऐसा सिस्टम बना सकते है कि मतदाता किसी प्रत्याशी को -100 से 100 के बीच अंक दे सके। यदि मतदाता सिर्फ हाँ दर्ज करता है तो इसे 100 अंको के बराबर माना जाएगा। यदि मतदाता अपनी स्वीकृति दर्ज नही करता तो इसे शून्य अंक माना जाएगा । किन्तु यदि मतदाता अंक देता है तब उसके द्वारा दिए अंक ही मान्य होंगे। रेंज वोटिंग की ये प्रक्रिया स्वीकृति प्रणाली से बेहतर है, और ऐरो की व्यर्थ असम्भाव्यता प्रमेय (Arrow’s Useless Impossibility Theorem) से प्रतिरक्षा प्रदान करती है। ]

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(06) किसान एकता कमेटियों में सदस्यों की नियुक्ति एवं प्रतिस्थापन :

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(6.1) जिला किसान एकता कमेटी :

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(6.1.1) सदस्यों की प्रारम्भिक नियुक्ति : यदि किसी प्रत्याशी को 20% से अधिक स्वीकृतियां मिल जाती है तो अमुक प्रत्याशी सदस्य के रूप में पदभार ग्रहण कर लेगा। यदि 5 से अधिक सदस्यों को 20% से अधिक स्वीकृतियां मिल जाती है तो वे 5 प्रत्याशी सदस्य के रूप में पदभार ग्रहण करेंगे जिन्हें सर्वाधिक स्वीकृतियां प्राप्त हुयी है।

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(6.1.2) सदस्यों का प्रतिस्थापन : यदि किसी प्रत्याशी को 20% से अधिक स्वीकृतियां मिल जाती है और यदि ये स्वीकृतियां किसी पदासीन सदस्य से 3% अधिक भी है तो अमुक प्रत्याशी पदासीन सदस्य की जगह ले लेगा, और सबसे कम स्वीकृतियों वाला सदस्य निष्कासित हो जाएगा।

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(6.1.3) अध्यक्ष की प्रारंभिक नियुक्ति : यदि जिले की किसी प्रत्याशी को 25% से अधिक स्वीकृतियां मिल जाती है तो अमुक प्रत्याशी अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण कर लेगा। यदि 1 से अधिक सदस्यों को 25% से अधिक स्वीकृतियां मिल जाती है तो वह प्रत्याशी अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण करेगा जिसे सर्वाधिक स्वीकृतियां प्राप्त हुयी है।

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(6.1.4) अध्यक्ष का प्रतिस्थापन : यदि जिले के किसी प्रत्याशी को 25% से अधिक स्वीकृतियां मिल जाती है और यदि ये स्वीकृतियां पदासीन अध्यक्ष से 1% अधिक भी है तो अमुक प्रत्याशी पदासीन अध्यक्ष की जगह ले लेगा।

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(6.1.5) जिला किसान एकता कमेटी के सदस्य को 40,000 रू मासिक एवं अध्यक्ष को 50,000 रू मासिक वेतन राज्य सरकार की और से मिलेगा।

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(6.1.6) कोई भी व्यक्ति अपने जीवन काल में जिला किसान एकता कमेटी के सदस्य एवं अध्यक्ष (सदस्य एवं अध्यक्ष के कार्यकाल की अवधि को जोड़ते हुए) के रूप में 60 माह से अधिक पद पर नहीं रह सकेगा।

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(6.2) राज्य किसान एकता कमेटी

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(6.2.1) सदस्यों की प्रारंभिक नियुक्ति : यदि किसी प्रत्याशी को 10% से अधिक स्वीकृतियां मिल जाती है तो अमुक प्रत्याशी सदस्य के रूप में पदभार ग्रहण कर लेगा। यदि 5 से अधिक सदस्यों को 10% से अधिक स्वीकृतियां मिली है तो वे 5 प्रत्याशी सदस्य के रूप में पदभार ग्रहण करेंगे जिन्हें सर्वाधिक स्वीकृतियां प्राप्त हुई है।

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(6.2.2) सदस्यों का प्रतिस्थापन : यदि किसी प्रत्याशी को 10% से अधिक स्वीकृतियां मिल जाती है, और यदि ये स्वीकृतियां किसी पदासीन सदस्य से 2% अधिक भी है तो अमुक प्रत्याशी पदासीन सदस्य की जगह ले लेगा, और सबसे कम स्वीकृतियों वाला सदस्य निष्कासित हो जाएगा।

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(6.2.3) अध्यक्ष की प्रारंभिक नियुक्ति : यदि किसी प्रत्याशी को 13% से अधिक स्वीकृतियां मिल जाती है तो अमुक प्रत्याशी अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण कर लेगा। यदि 1 से अधिक सदस्यों को 13% से अधिक स्वीकृतियां मिली है तो वह प्रत्याशी अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण करेगा जिसे सर्वाधिक स्वीकृतियां प्राप्त हुयी है।

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(6.2.4) अध्यक्ष का प्रतिस्थापन : यदि किसी प्रत्याशी को 25% से अधिक स्वीकृतियां मिल जाती है और यदि ये स्वीकृतियां पदासीन अध्यक्ष से 1% अधिक भी है तो अमुक प्रत्याशी पदासीन अध्यक्ष की जगह ले लेगा।

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(6.2.5) वेतन – राज्य किसान एकता कमेटी के सदस्य को 50,000 रू मासिक एवं अध्यक्ष को 60,000 रू मासिक वेतन राज्य सरकार द्वारा दिया जाएगा।

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(6.2.6) कोई भी व्यक्ति अपने जीवन काल में राज्य किसान एकता कमेटी के सदस्य एवं अध्यक्ष (सदस्य एवं अध्यक्ष के कार्यकाल की अवधि को जोड़ते हुए) के रूप में 60 माह से अधिक पद पर नहीं रह सकेगा।

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(6.3) राष्ट्रीय किसान एकता कमेटी :

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(6.3.1) सदस्यों की प्रारम्भिक नियुक्ति : यदि किसी प्रत्याशी को 5% से अधिक स्वीकृतियां मिल जाती है, तो अमुक प्रत्याशी सदस्य के रूप में पदभार ग्रहण कर लेगा। यदि 5 से अधिक सदस्यों को 5% से अधिक स्वीकृतियां मिल जाती है तो वे 5 प्रत्याशी सदस्य के रूप में पदभार ग्रहण करेंगे जिन्हें सर्वाधिक स्वीकृतियां मिली है।

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(6.3.2) सदस्यों का प्रतिस्थापन : यदि किसी प्रत्याशी को 5% से अधिक स्वीकृतियां मिल जाती है, और यदि ये स्वीकृतियां किसी पदासीन सदस्य से 1% अधिक भी है तो अमुक प्रत्याशी पदासीन सदस्य की जगह ले लेगा, और सबसे कम स्वीकृतियों वाला सदस्य निष्कासित हो जाएगा।

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(6.3.3) अध्यक्ष की प्रारंभिक नियुक्ति : यदि देश किसी प्रत्याशी को 7% से अधिक स्वीकृतियां मिल जाती है, तो अमुक प्रत्याशी अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण कर लेगा। यदि 1 से अधिक सदस्यों को 7% से अधिक स्वीकृतियां मिल जाती है तो वह प्रत्याशी अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण करेगा जिसे सर्वाधिक स्वीकृतियां प्राप्त हुई है।

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(6.3.4) अध्यक्ष का प्रतिस्थापन : यदि किसी प्रत्याशी को 7% से अधिक स्वीकृतियां मिल जाती है, और यदि ये स्वीकृतियां पदासीन अध्यक्ष से 1% अधिक भी है तो अमुक प्रत्याशी पदासीन अध्यक्ष की जगह ले लेगा।

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(6.3.5) वेतन – राष्ट्रीय किसान एकता कमेटी के सदस्य को 60,000 रू मासिक एवं अध्यक्ष को 75,000 रू मासिक वेतन केंद्र सरकार द्वारा दिया जाएगा।

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(6.3.6) कोई भी व्यक्ति अपने जीवन काल में राष्ट्रीय किसान एकता कमेटी के सदस्य एवं अध्यक्ष (सदस्य एवं अध्यक्ष के कार्यकाल की अवधि को जोड़ते हुए) के रूप में 60 माह से अधिक पद पर नहीं रह सकेगा।

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(7) न्यूनतम खरीद मूल्य का निर्धारण :

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(7.1) किसान एकता कमेटियां विभिन्न कृषि उपजो (अनाज, दालें, सब्जियां आदि) की जिंसो का न्यूनतम खरीद मूल्य तय करने के लिए बैठके करेगी। प्रत्येक सदस्य द्वारा प्रत्येक जिन्स के लिए न्यूनतम खरीद मूल्य का प्रस्ताव किया जाएगा, और प्रत्येक सदस्य द्वारा सुझाए गए मूल्यों औसत को नहीं बल्कि के मध्यमान (not the Average, but the median) को स्वीकृत मूल्य माना जाएगा।

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(7.2) कृषि उपजो का मूल्य तय करने के लिए जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय किसान एकता कमेटी के सदस्यों की बैठके महीने की प्रत्येक 10 तारीख एवं 25 तारीख को होगी। कमेटी का अध्यक्ष या सदस्यों का बहुमत चाहे तो अन्य दिन भी बैठक बुला सकता है। बैठके सार्वजनिक प्रकृति की होगी, और सभी बैठको के मिनिट्स सार्वजनिक किये जायेंगे।

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(7.3) जिला किसान एकता कमेटी अपने जिले में एवं राज्य किसान एकता कमेटी पूरे राज्य के लिए कृषि उपज (अनाज, दालें, सब्जियां आदि) की जिंसो का न्यूनतम खरीद मूल्य तय करके राज्य कृषि मंत्री को भेजेगी। जिला एवं राज्य किसान एकता कमेटीयों द्वारा तय ये मूल्य परामर्शकारी होंगे एवं राज्य कृषि मंत्री चाहे तो इसमें संशोधन कर सकते है। राज्य कृषि मंत्री द्वारा निर्धारित मूल्य को ही ‘अंतिम खरीद मूल्य’ माना जाएगा।

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(7.4) राष्ट्रीय किसान एकता कमेटी पूर देश के लिए कृषि उपज (अनाज, दालें, सब्जियां आदि) की जिंसो का न्यूनतम खरीद मूल्य तय करके केन्द्रीय कृषि मंत्री को भेजेगी। राष्ट्रीय किसान एकता कमेटी द्वारा तय किये गए ये मूल्य परामर्शकारी होंगे और केन्द्रीय कृषि मंत्री चाहे तो इसमें संशोधन कर सकते है।

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(7.5) राज्य कृषि मंत्री यह तय करेगा कि वह केन्द्रीय कृषि मंत्री द्वारा अनुमोदित मूल्यों को न्यूनतम खरीद मूल्य के रूप में स्वीकृत करना चाहता है या नहीं। किसी राज्य में न्यूनतम खरीद मूल्य का अंतिम फैसला राज्य कृषि मंत्री ही करेगा।

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(7.6) राज्य कृषि मंत्री द्वारा निर्धारित न्यूनतम खरीद मूल्य सिर्फ निजी व्यक्तियों एवं निजी संस्थाओ पर लागू होगा, एवं यह मूल्य सरकारी संस्थाओ पर लागू नहीं होगा। सरकार चाहे तो किसानो से कृषि उपज ख़रीदने के लिए अलग से न्यूनतम समर्थन मूल्य (minimum support price) तय कर सकती है।

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(😎 न्यूनतम खरीद मूल्य के क्रय-विक्रय का नियमन :

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(8.1) यदि कोई व्यक्ति राज्य कृषि मंत्री द्वारा निर्धारित किये गए ‘न्यूनतम खरीद मूल्य’ से कम कीमत में कृषि उपज की जिंसो को खरीदते-बेचते पाया जाता है तो पक्षकारो का यह कृत्य क्रय-विक्रय की राशि का 10 गुना आर्थिक दंड एवं 3 महीने तक के कारावास से दंडनीय होगा।

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(8.2) प्रति व्यक्ति छूट : प्रत्येक व्यक्ति को सालाना 200 किलोग्राम कृषि उपज जिंसो तक का निजी भण्डारण एवं प्रति व्यक्ति 1000 किलोग्राम सालाना की खरीद पर छूट रहेगी, और उपरोक्त सीमा के अंतर्गत क्रय-विक्रय-भण्डारण पर यह कानून लागू नहीं होगा। परिवार में यदि अनेक सदस्य है तो सभी सदस्यों को प्रति व्यक्ति के हिसाब से छूट प्राप्त होगी।

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(8.3) न्यूनतम ख़रीद मूल्य के क्रय-विक्रय व्यवहारों में अन्य सम्बंधित कर जैसे - मंडी कर, सेस आदि चुकाने का भार क्रेता पर रहेगा।

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(09) किसान एकता कमेटियों में कृषि व्यापारियों का प्रतिनिधित्व :

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(9.1) प्रत्येक जिला किसान एकता कमेटी, राज्य किसान एकता कमेटी एवं राष्ट्रिय किसान एकता कमेटी में 2 अतिरिक्त सदस्य होंगे जो कृषि व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करेंगे। कृषि व्यापारियों के प्रतिनिधियों के पास कमेटी में मताधिकार नहीं होंगे, किन्तु वे व्यापारी वर्ग एवं किसानो के मध्य तालमेल बनाने के लिए कमेटी के समक्ष कृषि व्यापारियों की और से सुझाए गए प्रस्ताव रख सकते है।

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(9.2) राज्य कृषि सचिव कृषि व्यापारियों की एक अलग मतदाता सूची तैयार करेंगे ताकि प्रत्येक कृषि व्यापारी की स्वीकृति का भार निर्धारित किया जा सके। कृषि व्यापारी द्वारा कृषि उपज का सालाना खरीद के अनुपात में मत का भार निम्नानुसार होगा :

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(a) 5 से 10 लाख रू तक की सालाना खरीद पर : 1 स्वीकृति

(b) 10 से 50 लाख रू तक की सालाना खरीद पर : 2 स्वीकृति

(c) 50 से 1 करोड़ रू तक की सालाना खरीद पर : 3 स्वीकृति

(d) 1 से 5 करोड़ रू तक की सालाना खरीद पर : 4 स्वीकृति

(e) 5 से 10 करोड़ रू तक की सालाना खरीद पर : 5 स्वीकृति

(f) 10 से 20 करोड़ रू तक की सालाना खरीद पर : 6 स्वीकृति

(g) 20 से 30 करोड़ रू तक की सालाना खरीद पर : 7 स्वीकृति

(h) 30 से 40 करोड़ रू तक की सालाना खरीद पर : 8 स्वीकृति

(i) 40 से 50 करोड़ रू तक की सालाना खरीद पर : 9 स्वीकृति

(j) 50 करोड़ रू से अधिक की सालाना खरीद पर : 10 स्वीकृति

(k) 5 लाख सालाना से कम ख़रीद पर : शून्य स्वीकृति

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(9.3) व्यापारी प्रतिनिधि के लिए आवेदन : कोई भी कृषि व्यापारी यदि मतदाता किसान एकता कमेटी में व्यापारी प्रतिनिधि बनना चाहता है तो वह कलेक्टर कार्यालय में इस आशय का एक ऐफिडेविट प्रस्तुत कर सकता है। कलेक्टर विधायक के चुनाव में जमा की जाने वाली राशि के बराबर शुल्क‍ लेकर अर्हित पद के लिए उसका आवेदन स्वीकार कर लेगा, तथा शपथपत्र को जिला / मुख्यमंत्री / पीएम की वेबसाईट पर स्कैन करके सार्वजनिक रूप से रखेगा।

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(9.4) स्वीकृति दर्ज करना : कोई भी व्यापारी वर्ग का मतदाता किसी भी दिन अपनी वोट वापसी पासबुक के साथ पटवारी कार्यालय में जाकर व्यापारी प्रतिनिधि के किसी भी प्रत्याशी के समर्थन में अपनी स्वीकृति दर्ज करवा सकेगा।

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(9.5) व्यापारी वर्ग के प्रतिनिधियों की नियुक्ति : नियुक्ति एवं निष्कासन की प्रक्रिया ठीक वैसी ही रहेगी जैसा धारा (6) में बताया गया है। अंतर यह रहेगा कि किसान एकता कमेटियों के सदस्यों के लिए किसान मतदाता स्वीकृति दर्ज करवा सकेंगे जबकि कृषि व्यापारी प्रतिनिधियों को स्वीकृति कृषि व्यापारी मतदाता देंगे।

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(9.5.1) जिला किसान एकता कमेटी में कृषि व्यापारी प्रतिनिधियों की नियुक्ति एवं निष्कासन की प्रक्रिया के लिए धारा (6.1.1) एवं धारा (6.1.2) देखें।

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(9.5.2) राज्य किसान एकता कमेटी में कृषि व्यापारी प्रतिनिधियों की नियुक्ति एवं निष्कासन की प्रक्रिया के लिए धारा (6.2.1) एवं धारा (6.2.2) देखें।

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(9.5.3) राष्ट्रिय किसान एकता कमेटी में कृषि व्यापारी प्रतिनिधियों की नियुक्ति एवं निष्कासन की प्रक्रिया के लिए धारा (6.3.1) एवं धारा (6.3.2) देखें।

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(9.6) वेतन : कृषि व्यापारी वर्ग के प्रतिनिधियों का वेतन किसान एकता कमेटियों की सदस्यों के समान ही रहेगा ।

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(10) जनता की आवाज :

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(10.1) यदि कोई किसान मतदाता इस कानून में कोई परिवर्तन चाहता है, या किसी भी सम्बन्ध में कोई सुझाव, मांग प्रस्तुत करना चाहता है तो वह कलेक्टर कार्यालय में एक एफिडेविट जमा करवा सकेगा। जिला कलेक्टर 20 रूपए प्रति पृष्ठ की दर से शुल्क लेकर एफिडेविट को मतदाता के वोटर आई.डी नंबर के साथ मुख्यमंत्री की वेबसाइट पर स्कैन करके रखेगा।

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(10.2) यदि कोई मतदाता धारा 10.1 के तहत प्रस्तुत किसी एफिडेविट पर अपना समर्थन दर्ज कराना चाहे तो वह पटवारी कार्यालय में 3 रूपए का शुल्क देकर अपनी हां / ना दर्ज करवा सकता है। पटवारी इसे दर्ज करेगा और हाँ / ना को मतदाता के वोटर आई.डी. नम्बर के साथ मुख्यमंत्री की वेबसाईट पर डाल देगा।

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----ड्राफ्ट की समाप्ति------